tag:blogger.com,1999:blog-7701671877510402374.post4186636118525317201..comments2024-02-19T21:42:50.306+05:30Comments on स्वरोज सुर मंदिर..: वर्षा ऋतु-राग मियां मल्हार ....(.1.)....!!!Anupama Tripathihttp://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7701671877510402374.post-7020405220879019802013-07-08T23:40:27.972+05:302013-07-08T23:40:27.972+05:30राग मियाँ की मल्हार का मानवीकरण करती प्रस्तुति .बं...राग मियाँ की मल्हार का मानवीकरण करती प्रस्तुति .बंदिश का भी ज़वाब नहीं -<br /><br /><br />उमड़ घुमड़ कर बरसन आयो मेघा .....<br /><br />नए सन्दर्भ दे दिए आपने बरसात को यहाँ कैंटन (मिशिगन )में कई दिनों से बारिश थी .मैं अभी लौटा हूँ हेंज फाल्स ,न्युयोर्क के स्थित पीस विलेज से सेमीनार करके .<br /><br />ॐ शान्ति .सुकून दे रही है यह बंदिश .शुक्रिया आपका .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7701671877510402374.post-39841301230985843722013-07-08T11:36:25.204+05:302013-07-08T11:36:25.204+05:30बहुत खूबसूरत और मधुर.....
साभार....
बहुत खूबसूरत और मधुर.....<br /> साभार....<br /><br />Aditi Poonamhttps://www.blogger.com/profile/07454848082907747001noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7701671877510402374.post-38858515154209097312013-07-08T10:21:44.898+05:302013-07-08T10:21:44.898+05:30जैसे गर्द लगे मटमैले पत्ते वर्षा के तुरंत बाद खिलत...जैसे गर्द लगे मटमैले पत्ते वर्षा के तुरंत बाद खिलते - मुस्कुराते हुए साफ़ दिखायी देने लगते हैं ,वैसे ही मन शांत और प्रसन्न हो गया है .प्रभु आपके हुनर को बुलंदियां प्रदान करे . ज्योतिषाचार्य ललित मोहन कगड़ियाल,,https://www.blogger.com/profile/03756695984315268386noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7701671877510402374.post-82611726293903583132013-07-06T22:38:46.222+05:302013-07-06T22:38:46.222+05:30बहुत सुन्दर, शब्द और संगीत का सुमधुर क्षेत्र..बहुत सुन्दर, शब्द और संगीत का सुमधुर क्षेत्र..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7701671877510402374.post-89628201666856346212013-07-06T19:30:54.702+05:302013-07-06T19:30:54.702+05:30बहुत उम्दा...बधाई...बहुत उम्दा...बधाई...कंचनलता चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/09264087232186686865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7701671877510402374.post-10033132256022602332013-07-06T14:30:41.236+05:302013-07-06T14:30:41.236+05:30बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,अभार।बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,अभार।Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7701671877510402374.post-49876831354247433862013-07-06T09:13:11.379+05:302013-07-06T09:13:11.379+05:30वाह.....
मिल जाता है इसी बरखा में
मेरे आंसुओं का ख...वाह.....<br />मिल जाता है इसी बरखा में<br />मेरे आंसुओं का खारा पानी .........<br />और इस तरह ...<br />पहुँच ही जाती है मेरी सदा समुंदर तक ......<br /><br />मधुर मधुर पोस्ट....<br />आभार<br />अनु <br />ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com