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Monday, June 17, 2013

बरसन लागी ....




मस्तिष्क से सम्बंधित प्राकृतिक ज्ञान और उसकी क्रिया प्रणाली तथा अनुभुति ,मनोविज्ञान के अंतर्गत आती है |संगीत से सम्बन्ध होने पर उसे संगीत का मनोविज्ञान कहा जाता है |मनोविज्ञान का कार्य शारीरिक उत्तेजना और चेतना के प्रवाह के सम्बन्ध को स्थापित करना है |कोई भी नाद हमारी करणेंद्रिय को किस प्रकार प्रभावित करता है ,यह सब संगीत के मनोविज्ञान की श्रेणी में आता है । कुछ ध्वनियाँ ऎसी हैं जो ह्रदय पर अपनी छाप छोड़ती ही हैं ।

रिमझिम फुहार पड़ने लगती है और मन ...बस मन भी  भीगने लगता है ....भीगे से स्वर ...टिप टिप बारिश की आवाज़  और .......चुप रह कर भी क्या चुप रहा जाता है ....भीगी भीगी हवा बोल उठती है ....

कैसी बरसात है
बहती है थमी  रहती है ....
आँख का पानी है या ..
मन के समुन्दर की बस एक बूँद ....!!!!!!


बरसन लगी सावन बुंदियाँ राजा ...







एक आह्लाद .....अमन ...एक सुकून ....कुछ चैन देता है संगीत ......!!इतना सुमधुर गीत सुन कर कौन होगा जो रस में न डूबे ...

4 comments:

  1. मौसम के अनुकूल एक मधुर गीत और वह भी गुलामअली जी की आवाज में ...।

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  2. वाह.....
    सुन्दर!!!!
    गुलाम अली जी को सुनने से अच्छा भला और क्या....

    सस्नेह
    अनु

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