सगीत और कविता एक ही नदी की दो धाराएँ हैं ...इनका स्रोत एक ही है किन्तु प्रवाह भिन्न हो जाते हैं ...इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने ये नया ब्लॉग शुरू किया है ताकि दोनों को अपना समय दे सकूं ...!!आशा है आपका सहयोग मिलेगा.......!!
नमस्कार आपका स्वागत है
नमस्कार आपका स्वागत है
Saturday, February 28, 2015
अनुष्का शंकर का सितार
सुमधुर संगीत ईश्वर तक ले जाता है !!रात्री की नीरवता में इसे सुनिए ...सारी थकान जाने कहाँ गायब हो जाएगी ....!!
No comments:
Post a Comment