नमस्कार आपका स्वागत है

नमस्कार  आपका स्वागत है
नमस्कार आपका स्वागत है

Thursday, March 26, 2015

प्रभास से पूर्ण ....!!



भोर का राग .....कितना आह्लादकारी  ....कितना सुखद ....!!ऊर्जा से प्रखर ....प्रभास से पूर्ण ....!!
साधना की पराकाष्ठा ..........!!
चल मन उड़ चलें विस्तृत आकाश के विस्तार में......


5 comments:

  1. अनुपमा जी ,इस मधुर प्रस्तुति के लिए आपका विशेष आभार . इस होनहार कलाकार को दिल से दुआएं .

    ReplyDelete
  2. मधुर संगीत ... भैरव के स्वर स्वतः ही भोर का अनुभव करा देते हैं ...

    ReplyDelete
  3. आपकी इस सुमधुर प्रस्तुति का उल्लेख कल सोमवार (30-03-2015) की चर्चा "चित्तचोर बने, चित्रचोर नहीं" (चर्चा - 1933) पर भी होगा.
    सूचनार्थ

    ReplyDelete
  4. चेतना से नियंत्रण ही हट गया सुनते सुनते ,बेहद शानदार प्रस्तुति

    ReplyDelete