सगीत और कविता एक ही नदी की दो धाराएँ हैं ...इनका स्रोत एक ही है किन्तु प्रवाह भिन्न हो जाते हैं ...इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने ये नया ब्लॉग शुरू किया है ताकि दोनों को अपना समय दे सकूं ...!!आशा है आपका सहयोग मिलेगा.......!!
बहुत बहुत मधुर गीत संगीत । बहुत बहुत बधाई आपको ।
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
बहुत बहुत मधुर गीत संगीत । बहुत बहुत बधाई आपको ।
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत प्रस्तुति
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