सगीत और कविता एक ही नदी की दो धाराएँ हैं ...इनका स्रोत एक ही है किन्तु प्रवाह भिन्न हो जाते हैं ...इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने ये नया ब्लॉग शुरू किया है ताकि दोनों को अपना समय दे सकूं ...!!आशा है आपका सहयोग मिलेगा.......!!
नमस्कार आपका स्वागत है
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Thursday, March 30, 2017
वाद्य संगीत
संगीत की शिक्षा बचपन से दी जाये तो संगीत मन में रच बस जाता है !! पूरी लगन से रियाज़ करते हुए एकाग्रता सतत बढ़ती है !! एक सफल व्यक्तित्व की और बढ़ते हैं कदम .... !!
आइये सुनिये सम्राट संचेती द्वारा सिंथेसाइज़र पर पुकारता चला हूँ मैं ..... !!
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