सगीत और कविता एक ही नदी की दो धाराएँ हैं ...इनका स्रोत एक ही है किन्तु प्रवाह भिन्न हो जाते हैं ...इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने ये नया ब्लॉग शुरू किया है ताकि दोनों को अपना समय दे सकूं ...!!आशा है आपका सहयोग मिलेगा.......!!
नमस्कार आपका स्वागत है
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Wednesday, October 1, 2014
संगीत का आह्लाद और ईश्वर की उपस्थिती ......!!
राग भैरवी में अत्यंत मधुर प्रस्तुति से ईश्वर नमन !!संगीत की साधना की पराकाष्ठा .....भक्ति और शक्ति से ओतप्रोत ....
हृदय से आभार दिलबाग जी !!
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