एक जादू की तरह कार्य करता है शास्त्रीय संगीत|जोड़ देता है मन के कोमल तारों को प्रभु से |देता है एक ऐसा नशा जो चढ़ जाए तो कभी उतरता ही नहीं है |किन्तु उस राह पर चलना ....संगीत से जुड़े रहना ....बहुत आसान नहीं है |एक तरह का योग है ....एक साधना है ...!!कम से कम १०-१२ वर्ष तक संगीत लगातार सीखने के बाद कुछ समझ में आती है इसकी भाषा |मेरी समझ से छोटे बच्चों के लिए संगीत की शिक्षा अनिवार्य कर देनी चाहिए|जो लोग बचपन से ही इस विधा से जुड़े रहते हैं वे बहुत खुशकिस्मत होते हैं क्योंकि उनके दिमाग की कल्पनाशक्ति बहुत बढ़ जाती है और याददाश्त भी तेज़ हो जाती है |आजकल जिसे हम ''multitasking '' कहते हैं वो संगीत की साधना से आसान हो जाता है |इस व्यस्त जीवन में ,आपाधापी में, एक रूचि का होना अनिवार्य है जो आपको हमेशा सकारात्मक उर्जा देती रहे |आजकल ''life is on a fast track'' इसलिए संगीत की साधना की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता|सभी को लगता है थोड़ा सा सीख कर कैसे जल्दी-जल्दी टी.वी पर आया जाये |कला का ज्ञान लेना कम लोग चाहते हैं | आज इन्हीं धूमिल होती हुई परम्पराओं को जीवित रखने की आवश्यकता है |गागर भरने के बाद छलकने ही लगती है ....!!पर धैर्य से हमें गागर भरने का इंतज़ार करना होता है |घरों घर शास्त्रीय संगीत का दीप प्रज्ज्वलित हो यही कोशिश है ...!!
इस गीत में भी इसी जादू का ज़िक्र है.... बड़ा जोर है सात सुरों में बहते आंसू जाते हैं थम
ReplyDeleteकल 07/11/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत उपयोगी जानकारी,आभार!
ReplyDeleteआपके पोस्ट पर आना सार्थक सिद्ध हुआ । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।.
ReplyDeleteनिश्चित ही यह साधना है!
ReplyDeleteसचमुच जादू ही है संगीत जो कठिन साधना माँगता है...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति...
सादर...
शास्त्रीय संगीत का कोई ज़वाब ही नहीं । साधना थोड़ी कठिन तो लगती ही है पर स्सच कहा आपने , एक बार जो इसका जादू चल गया फिर बस संगीत ही होता है हर कहीं ...
ReplyDeleteसंगीत वह माध्यम है जो हमें प्रभु से जोड़ता है। मैं आपकी इस बात से भी सहमत हूं कि इसे शिक्षा का एक अनिवार्य अंग बना देना चाहिए।
ReplyDeleteआपके पोस्ट पर आना सार्थक सिद्ध हुआ । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।.
ReplyDeleteBy प्रेम सरोवर on कठिनाईयों से लड़ता ...शास्त्रीय संगीत का जीवन ....... on 11/6/11