साधना जी कहरवा भजनी ठेका पर ये भजन प्रस्तुत है ...!!
शुभ समय भी है ....कल से नवरात्र प्रारंभ है ...नव संवत्सर आप सभी को मंगलमय हो ....!!
घर आ गए लक्ष्मण राम
पुरी में आनंद भयो .
सुरा गऊअन के गुबर मंगाए ,
डिगधर अंगन लिपाये ,
गज मुतियन के चौक पुराए
कंचन कलश लिसाए
पुरी में आनंद भयो ....
मात कौशल्या पूछन लागीं
कहो बन की कछु बात
कितने दिन में रावन मारे
दियो विभीषण राज
पुरी में आनंद भयो ...
आठ घाट के रावन मारे
मेघनाद बलवान
कुम्भकरण से जोधा मारे ...
राज्य विभीषण पाए
पुरी में आनंद भयो ....
मात कौशल्या करें आरती
सखियाँ मंगल गाएँ
घर-घर बाजे अनंद बधैया
तुलसीदास गुण गायें ....
पुरी में अनंद भयो ....
शुभ समय भी है ....कल से नवरात्र प्रारंभ है ...नव संवत्सर आप सभी को मंगलमय हो ....!!
घर आ गए लक्ष्मण राम
पुरी में आनंद भयो .
सुरा गऊअन के गुबर मंगाए ,
डिगधर अंगन लिपाये ,
गज मुतियन के चौक पुराए
कंचन कलश लिसाए
पुरी में आनंद भयो ....
मात कौशल्या पूछन लागीं
कहो बन की कछु बात
कितने दिन में रावन मारे
दियो विभीषण राज
पुरी में आनंद भयो ...
आठ घाट के रावन मारे
मेघनाद बलवान
कुम्भकरण से जोधा मारे ...
राज्य विभीषण पाए
पुरी में आनंद भयो ....
मात कौशल्या करें आरती
सखियाँ मंगल गाएँ
घर-घर बाजे अनंद बधैया
तुलसीदास गुण गायें ....
पुरी में अनंद भयो ....
अहा..आनन्द भयो...
ReplyDeleteप्रभु कृपा ...!
Deleteबहुत आभार ...!!
वाह ..................
ReplyDeleteमाँ की आप और आपके कंठ पर सदा कृपा बनी रहे.........
शुभकामनाएँ..
बहुत आभार ....बहुत बहुत आभार ...अनु जी ..!!
ReplyDeleteआनंदम... आनंदम...
ReplyDeleteनव संवत प्रारंभ की सादर झूमती बधाईयाँ....
बहुत आभार .
Deleteपुनः नव-संवत की शुभकामनायें ...!!
वाह!
ReplyDeleteनवरात्र की शुभकामनाएं।
बहुत आभार .
Deleteपुनः नवरात्र की शुभकामनायें ...!
आज तो मेरे भाग खुल गए। सुबह - सुबह चाय की चुस्कियों के बीच 5.45 पर आपका ब्लाग खोला। संगीत का खज़ाना मुझे मिल गया। सचमुच आज का दिन बहुत अच्छा बीतेगा। सुबह ही उपलब्धि हो गई । न केवल आपकी सुमधुर आवाज़ मे संगीत सुनने मिला बल्कि संगीत की जानकारी भी मिली । मुझे तो लग रहा है मेरी संगीत की कक्षा शुरू हो गई है। आप यह क्रम जारी रखिएगा। मैं नियमित रूप से आपके ब्लाग पर उपस्थित होउंगा। मेंने आपके पिछले सारे पोस्ट पढ़ डाले। सुनूँगा क्रमशः सबको। बहुत सार्थक कर रही हैं आप, मेरी शुभकामनाएँ । मेरे ब्लाग पर भी आएँ। नवरात्रि की शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteदिनेश जी आभार आपका इतने शुभ विचारों के लिए ...!!
Deleteआपको भी नवरात्री की अनेक मंगलकामनाएं ...!!
आनन्दित करती प्रस्तुति.....
ReplyDeleteबहुत आभार मोनिका जी ...!!
DeleteBhajan has come out to be very sweet and melodious. you are sounding very confident and music is also good.
ReplyDelete"HAPPY NAVRATRI"
Thanks Meena ....I also liked the music.I should thank Mukesh ji and Hamit ji for accompanying me so nicely ...!!
Deleteपुरी में आनंद भयो .ताल कहरवा में निबद्ध लोक संगीत की अच्छी बंदिश है .एक दम से कर्ण प्रिय दो बार सुन ले व्यक्ति तो साथ साथ गाने लगे .कौन से राग में की गई है यह बंदिश जान ने को मन आतुर .
ReplyDeleteवीरुभाई जी नमस्कार ..!
Deleteआभार आपको यह भजन पसंद आया |ये लोक-धुन है |किसी एक विशेष राग पर नहीं है |बस संगीत सीखने के बाद मैंने इसे शास्त्रीय संगीत से जोड़ दिया है |सिंथ ही बज रहा है |मुकेश जी ने सिंथ बजाया बहुत आस्था से है |वे स्वयं शास्त्रीय संगीत के पारखी हैं |तबले पर हमित जी भी उच्च कोटि के वादक हैं ...!भजन समझ कर बजाया है इस वजह से पूरे भजन में भावों की प्रबलता है ....!!आपका पुनः बहुत बहुत आभार ...!!
बंदिश आपके खुद के स्वर में है जानकार और भी अच्छा आगा .बधाई माधुरी तत्व से भीगी इस बंदिश की चयन के लिए .खुलकर संगत हुई है तबले की,बांसुरी मन भाई ,करतल ध्वनी भी .जल तरंग सा भी कुछ तो था सिंथे साईं जार या ?
ReplyDeleteइस भजन पर बहुत मेहनत हुई है |बिलकुल बोल के अनुरूप vibrant music देने का प्रयास किया है Mukesh ji ne aur hamit ji ne .Thanks once again from the whole team .
Deleteसंगत में की बोर्ड और हारमोनियम था .कई बार सुना इस बंदिश को .
ReplyDeleteHarminium par Mr.Wilson the .I must say they are all extremely devoted music lovers .It was a pleasure performing with them .
ReplyDeleteThanks once again .
Wah ! aanand aa gaya ...!!!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार साधना जी ...!!
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