आज आपको अपना गाया हुआ एक गीत सुनाने का मन है ..!गीत ज़रूर सुनिए ...पर उससे पहले कुछ संगीत शास्र भी ....
सगीत और कविता एक ही नदी की दो धाराएँ हैं ...इनका स्रोत एक ही है किन्तु प्रवाह भिन्न हो जाते हैं ...इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने ये नया ब्लॉग शुरू किया है ताकि दोनों को अपना समय दे सकूं ...!!आशा है आपका सहयोग मिलेगा.......!!
नमस्कार आपका स्वागत है
Tuesday, March 20, 2012
आज फिर जीने की तमन्ना है ....!!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मेरा फ़ेवरिट गीत है यह।
ReplyDeleteअय्र आज लय के तेज, मध्य और धीमे होने पर जो प्रकाश डाला गया है वह भलिभांति समझ में आया।
आभार।
सोचा गीत के साथ कुछ शास्त्र चर्चा भी होनी चाहिए ...!
Deletelovely...............
ReplyDeleteis it ur music class???
आभार ....
ReplyDeleteThanks .
ReplyDeleteIts my ''DREAM COME TRUE ''
very nice ...chhand or taal ki samnjasy ..bhi sath me ...aap koi geet rag kaharwa me gaiye n sunane ki iksha ho rahi aapki aawaz me ..!!
ReplyDeleteबहुत आभार साधना जी .....
Deleteरेकोर्ड करके पोस्ट करती हूँ ......शायद कुछ पिछला रेकोर्डिंग होगा तो देख कर जल्दी ही पोस्ट करती हूँ ....!!
ji thank U !!
Deleteवाह, बहुत अच्छा लगता है यह गीत।
ReplyDeleteहाँ ...इस गीत में बहुत जोश है ....जिसको भी यह गाना आता था ...सब साथ साथ गा रहे थे ,झूम रहे थे ....यही संगीत कि खासियत है .....
ReplyDelete