छाई हेमंत की बहार .....
खिल गईं ....
धरा पर कलियाँ हज़ार ....
अम्बर से ओस झरे ...
धरा हृदय प्रीत भरे ...
ओस सी फूल पर प्रीत पगे ...
पोर-पोर भीगे ......!!
पात पात ...
प्रीत बोले .....
हिंडोली मन हिंडोला झूले .......
जिया ले हिचकोले .....
हिया में छब पिया की ...
चितवन में सपन डोले ......
री सखी .....
पपीहा पिउ-पिउ बोले ....!!!!
हेमंत की चले मंद बयार.....
''हिंडोली '' हौले हौले अवगुंठन खोले .....
आज धरा का तन-मन डोले ....!!!!!!!!
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* ''हिंडोली '' राग -भिन्न षडज का ही दूसरा नाम है ,जो हेमंत ऋतु में गया जाने वाला राग है ।आइये सुश्री अश्विनी देशपांडे जी से राग भिन्न षडज सुने ...जो इसी ऋतु का राग है ....
डाल-डाल ...
पात पात ...
प्रीत बोले ...
हिंडोली मन हिंडोला झूले ... ...
जिया ले हिचकोले ... ...
हिया में छब पिया की ...
चितवन में सपन डोले ... ...
री सखी ... ...
पपीहा पिउ-पिउ बोले ....!!!!
हेमंत की चले मंद बयार... ...
'हिंडोली' हौले हौले अवगुंठन खोले ... ...
आज धरा का तन-मन डोले ... ...
बेहतरीन !
कमाल की रचना !
वाऽह ! क्या बात है !
आदरणीया अनुपमा दी
आपकी क्लासिक रचनाएं लाजवाब होती हैं …
हमेशा …
खूबसूरत और सार्थक रचना !
…आपकी लेखनी से सुंदर रचनाओं का सृजन ऐसे ही होता रहे… और हम इनका रसास्वादन करते रहें… यही कामना है …
शुभकामनाओं सहित…
…और सुश्री अश्विनी देशपांडे जी द्वारा प्रस्तुत
भिन्न षडज की यह प्रस्तुति बरसन लागी… सुनते हुए स्वयं को स्वर्ग में ही महसूस कर रहा हूं …
परम आदरणीया विदुषी किशोरी अमोणकर जी की भिन्न षड़ज की बंदिश उड़जा रे कागा की याद आ रही है
संग्रह में से ढूंढ़ कर सुनना पडेगा …
आभार आपका हृदय से …
मंगलकामनाओं सहित …
सुन्दर रचना....
ReplyDeleteगीत अभी सुनती हूँ :-)
सादर
अनु
सुबह सुबह इतना उत्कृष्ट सुर श्रवण कराने का आभार..
ReplyDeleteजब भी आप के ब्लॉग की तरफ आना होता है तो महसूस होता है मानो माँ सरस्वती के मंदिर की चौखट का स्पर्श कर लिया .......आगे शब्द नहीं हैं मेरे पास .
ReplyDeleteहृदय से आभार पंडित जी .....
Deleteबहुत सुंदर!
ReplyDeleteanupama ji pahli bar aapka blog dekha hai sangeet ke madhurya me racha paga . bada achchha laga . kabhi madhuvanti aur jog ki sargam deejiye .
ReplyDeleteबहुत आभार गिरिजा जी ...!!अगली पोस्ट मेन ही देती हूँ ....
Deleteअच्छा है। गीत और गायन- दोनों।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कर्णप्रिय रचना । शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना।।।
ReplyDeleteसुन्दर ...अति सुन्दर ...:)
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