सगीत और कविता एक ही नदी की दो धाराएँ हैं ...इनका स्रोत एक ही है किन्तु प्रवाह भिन्न हो जाते हैं ...इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने ये नया ब्लॉग शुरू किया है ताकि दोनों को अपना समय दे सकूं ...!!आशा है आपका सहयोग मिलेगा.......!!
नमस्कार आपका स्वागत है
नमस्कार आपका स्वागत है
Wednesday, February 13, 2013
मीरा भजन ...
एक मीरा भजन सुनिए .....सुश्री सुमन कल्यानपुर जी की आवाज़ में....
बहुत धन्यवाद अनुपमा जी । बडे दिनों बाद सुमन जी द्वारा गाया गया यह भजन सुनने मिला है । हे री मैं तो प्रेम दिवानी जैसे और भी बडे मधुर भजन उनकी आवाज में है ।
बहुत धन्यवाद अनुपमा जी । बडे दिनों बाद सुमन जी द्वारा गाया गया यह भजन सुनने मिला है । हे री मैं तो प्रेम दिवानी जैसे और भी बडे मधुर भजन उनकी आवाज में है ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भजन....
ReplyDeleteसुमन कल्यानपुर जी की आवाज़ बहुत ही मधुर है...
साझा करने का शुक्रिया अनुपमा जी.
सस्नेह
अनु
बहुत सुन्दर भजन...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्यारा भजन.
ReplyDeleteमेरे ब्लोग्स संकलक (ब्लॉग कलश) पर आपका स्वागत है,आपका परामर्श चाहिए.
"ब्लॉग कलश"
अहा..मधुर और कर्णप्रिय..
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteवाह .....आनंद आ गया
ReplyDeleteमेरा ब्लॉग आपके स्वागत के इंतज़ार में
स्याही के बूटे
बहुत ही सुन्दर ....आनंद आ गया !!!!
ReplyDelete