अनायास उदास है मन !!एक प्रश्न घूम रहा है मन मे .....!!
जी रहा किस हेतु जीवन ....जोड़ मन का सेतु रेमन ........!!
अविरल अश्रुधार बस रुकी हुई बहने को अँखियों के कोरों पर !!तोड़ सारे बांध ,बहने को .....आकुल .........कुछ कहने को व्याकुल ......
फिर भी आज मौन चुनता है ये मन !!
बस आँख बंद और बहता जाता है कुमार जी की आवाज़ के साथ ......
एक अजीब सी विश्रांति पाता है ..........जाने किस लोक का भ्रमण है ये ....
जी रहा किस हेतु जीवन ....जोड़ मन का सेतु रेमन ........!!
अविरल अश्रुधार बस रुकी हुई बहने को अँखियों के कोरों पर !!तोड़ सारे बांध ,बहने को .....आकुल .........कुछ कहने को व्याकुल ......
फिर भी आज मौन चुनता है ये मन !!
बस आँख बंद और बहता जाता है कुमार जी की आवाज़ के साथ ......
एक अजीब सी विश्रांति पाता है ..........जाने किस लोक का भ्रमण है ये ....