मैं सोचती हूँ ...शास्त्रीय संगीत मेरी आत्मा है ...!लेकिन मुझ जैसे और भी लोग हैं जिनकी आत्मा है शास्त्रीय संगीत ...!!शायद मुझसे भी ज्यादा लगाव है संगीत से उनका ...!!
गाना बजाना और सुनना ...
गाना बजाना और सुनना ...
किन्तु न गायक न वादक न श्रोता ...यहाँ सिर्फ संगीत है .....एक रूप ...उसी में सब समां जाना चाहते हैं ...संगीत सब को एक लहर में बहा ले जाता है ....इस अनुभूति के लिए .. ...इस शाम के लिए मैं अपने आप को धन्य मानती हूँ .....
सिंथ पर हैं मुकेश कानन जी
तबले पर हैं हमित वालिया जी .
दमादम मस्त कलंदर .....सुनिए ....
अहा, यह सुनकर सदा आनन्द आ जाता है।
ReplyDeleteइस कलाम को जब सुनों एक अलग अनुभूति होती है।
ReplyDeleteआपकी आवाज़ में जादू है। यह उस दुनिया तक ले जाती है।
वही मस्ती.... वाह!बस मन झूम उठा सुनकर.
ReplyDeleteसादर.
waah...waah..
ReplyDeleteमेरा पसंदीदा कलाम है....आपकी आवाज़ में सुनकर बड़ा अच्छा लगा ...सुकूनदायी ....शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अनुपमा जी ! इस कलाम को जितना सुनती हूँ डूबती जाती हूँ ! आपने आज रूना लैला की यादें ताज़ा कर दीं ! बहुत मधुर आवाज़ है आपकी ! क्या आपसे अपनी पसंद का गीत सुनाने की गुजारिश कर सकती हूँ ? आपकी आवाज़ सीधे दिल में उतरती है ! आभार आपका !
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteआनंदित कर दिया मन को
बहुत ही खूबसूरत कलाम है और आपकी मधुर आवाज़ ने उसकी खूबसूरती में ढेर सारे चाँद और सजा दिये हैं ! आज की सुबह बहुत ही संगीतमय हो गयी ! आभार आपका !
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत ... आपकी आवाज़ बहुत प्रभावशाली है .. आनंद आ गया .
ReplyDeleteआप तो दूसरी रेशमा हैं अनुपमा जी बहुत सुन्दर गाया आपने । आत्मा को छू गए आपके बोल ।
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत आवाज़...
ReplyDeleteआवाज़ की मधुरता मन को छू गयी !
ReplyDeleteआभार !
बिल्कुल आपकी जैसी हमारी भी कहानी है गाने का बहुत शोक था और खूब गाया भी एक बार आशा भोंसले जी के साथ भी गाने का मौका मिला वो दिन जिंदगी का यादगार दिन था आपका गाना सुनकर दिल खुश हो गया अपने दिन एक बार फिर से याद आ गए आप बहुत खूबसूरत गाती हैं | आपको सुनकर दिल खुश हो गया |
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत, बधाई.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग" meri kavitayen" की नवीनतम पोस्ट पर पधारकर अपना स्नेह प्रदान करें.
सुंदर गायकी के अनुनाद से मन-हृदय तरंगित हो उठा।
ReplyDeleteआप सभी का किन शब्दों में आभार व्यक्त करूँ ...नहीं जानती ....
ReplyDeleteअमृतमय स्नेह बनाये रखें ...
सहृदय आभार ...
बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteइस कलाम/गीत के रचियता कौन हैं? और सबसे पहले यह किसने गाया था यदि इसकी जानकारी हो तो कृपया शेयर करने का कष्ट करें
ReplyDeleteइस कलाम के रचियता और प्रथम गायक की जानकारी हो तो कृपया शेयर करें
ReplyDelete